आगरा में घी फैक्ट्री सील, खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्यवाही लगातार जारी

आगरा में नकली या संदिग्ध घी निर्माण पर खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, 3 क्विंटल घी सीज
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)-
आगरा। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर उत्तर प्रदेश में सख्ती जारी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, आगरा ने गुरुवार को एत्मादपुर क्षेत्र में स्थित एक घी निर्माण इकाई पर छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में संदिग्ध घी जब्त किया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई और इसे स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कहां हुई कार्रवाई?
यह कार्रवाई 1 अगस्त 2025 को शाम करीब 4 बजे की गई। स्थान था – एत्मादपुर, जहां एक घी निर्माण इकाई संचालित हो रही थी।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची, तो वहां लगभग 3 क्विंटल घी पांच अलग-अलग ड्रमों में संग्रहित पाया गया, प्रत्येक ड्रम में करीब 60 किलो घी मौजूद था।
क्यों की गई कार्रवाई?
घी की गुणवत्ता को लेकर संदेह होने के कारण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 तथा उसके अधीन नियमों के अंतर्गत टीम ने 5 अलग-अलग नमूने संग्रहित किए। ये नमूने प्रयोगशाला में गुणवत्ता जांच हेतु भेजे गए हैं। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक यह घी बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सीज किया गया घी
टीम ने शेष बचे हुए लगभग 295 किलोग्राम घी को सीज कर दिया, जिसकी मूल्यांकनित कीमत ₹1,26,580/- आंकी गई है। यह घी फिलहाल विभागीय निगरानी में रखा गया है और इसके परीक्षण के बाद ही अगली कार्यवाही तय होगी।
खाद्य कारोबारकर्ता को नोटिस
कार्रवाई के बाद घी निर्माण इकाई के संचालक को नोटिस जारी किया गया है जिसमें यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि:
“जब तक परीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जाती, तब तक खाद्य कारोबार पूर्ण रूप से बंद रखा जाए।”
यह आदेश उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिया गया है ताकि बाजार में संभावित मिलावटी या मानकहीन घी की आपूर्ति को रोका जा सके।
टीम में कौन-कौन रहे मौजूद?
यह पूरी कार्यवाही सहायक आयुक्त (खाद्य) श्री महेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में की गई। उनके साथ निम्नलिखित अधिकारी उपस्थित रहे:
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कृष्ण चंद, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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चंद्र विजय सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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राकेश यादव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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सुरेंद्र कुमार चौरसिया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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श्रीमती अमिता जिज्ञासु, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
टीम ने संयम और प्रोफेशनल तरीके से इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिससे न केवल अवैध निर्माण को रोका जा सका, बल्कि उपभोक्ता स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता भी नहीं हुआ।
खाद्य सुरक्षा विभाग की लगातार निगरानी
आगरा में खाद्य सुरक्षा विभाग की ऐसी कार्यवाहियों का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। पिछले कुछ महीनों से विभाग द्वारा लगातार:
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दूध, मावा और तेल की मिलावट
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मानकहीन नमकीन और मिठाई निर्माण इकाइयों
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फास्ट फूड स्टॉल्स और होटलों
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बेकरी व प्रोसेसिंग यूनिट्स
पर छापेमारी की जा रही है। इसका मकसद उपभोक्ताओं को शुद्ध, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना है।
“हमारा उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं, बल्कि बाजार में फैले मिलावट के नेटवर्क को तोड़ना और उपभोक्ताओं को जागरूक करना भी है।”
— महेंद्र श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त (खाद्य), आगरा
क्यों है यह कार्रवाई जरूरी?
भारत में, विशेषकर त्योहारों और विवाह सीजन के दौरान, नकली और मिलावटी घी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में:
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स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पेट दर्द, लिवर डैमेज, हॉर्मोनल असंतुलन
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खाद्य जनित बीमारियों
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लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।
इसलिए खाद्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई न सिर्फ एक सतर्कता का संदेश देती है, बल्कि जनता को भी यह समझाती है कि अब खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
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आम नागरिकों से अपील
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि:
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अगर आपको कहीं भी मिलावटी, बदबूदार या संदिग्ध खाद्य पदार्थ दिखें, तो तुरंत निकटतम खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क करें।
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कोई भी अवज्ञाकारी या बिना लाइसेंस के खाद्य व्यवसायी गतिविधि करता है, तो उसकी जानकारी भी विभाग को दें।
आपकी सतर्कता से ही पूरे शहर की खाद्य श्रृंखला को स्वच्छ और सुरक्षित रखा जा सकता है।
निष्कर्ष
एत्मादपुर स्थित घी निर्माण इकाई पर की गई छापेमारी एक बार फिर साबित करती है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, आगरा, मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस कार्रवाई से न केवल बाजार में डर का माहौल बना है, बल्कि उपभोक्ताओं में भी यह भरोसा जगा है कि उनका स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है।
आगामी दिनों में ऐसी सतत कार्रवाई जारी रहेगी और विभाग का लक्ष्य रहेगा – “स्वच्छ आहार, स्वस्थ नागरिक”।