
🌍 एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
🔸गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे, कार्मिकों की तैनाती, पेयजल व्यवस्था, भूसे की व्यवस्था की जाये सुनिश्चित, गौशाला की बाउन्ड्री के पास कराया जाये वृक्षारोपण- जिलाधिकारी…
आगरा। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में निराश्रित गौवंशों, गौशालाओं के प्रबन्धन तथा पक्षियों में एन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) की रोकथाम के सम्बन्ध में कैम्प कार्यालय सभागार में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 90 गौशालायें संचालित है, जिनमें 12 स्थाई गौशालायें तथा 78 अस्थाई गौशालायें है। इनके अलावा 10 और गौशालायें है, जिनमें से 05 गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 05 गौशालाओं को हस्तान्तरित किए जाने की प्रक्रिया प्रचालित है। उन्होने बताया कि जनपद की 68 गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन स्थापित है और शेष 24 गौशालाओं में बजट के अभाव में जिलाधिकारी विद्युत कनेक्शन स्थापित नही कराया जा सका है, परन्तु वर्तमान में 22 गौशालाओं में जिला पंचायत के द्वारा विद्युत कनेक्शन स्थापित करा दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि शेष दो गौशालाओं में भी जल्द ही विद्युत कनेक्शन स्थापित करा दिया जाये।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये गये कि जनपद की सभी गौशालाओं का हरित चारे के लिए भूमि लिंक की जाये ताकि गौवंशों को भूसे के साथ ही हरित चारा भी दिया जा सके। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि सभी गौशालाओं में स्थाई शैड के अलावा भी अस्थाई शैड की व्यवस्था की जाये साथ ही उन्होने यह भी निर्देश दिये कि गौशालाओं में कार्मिकों की तैनाती, पेयजल व्यवस्था, भूसे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये और सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाये तथा गौशाला की बाउन्ड्री के पास वृक्षारोपण कराया जाये जिसमें नीम व बरगद का प्राथमिकता के साथ लगाया जाये। उन्होने सभी उप जिलाधिकारियो के वृहद गौशालाओं तथा सभी खण्ड विकास अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली सभी गौशालाओं का 03 दिन के अन्दर निरीक्षण कर सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये।
बैठक में पक्षियों में एन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) की रोकथाम के सम्बन्ध में बताया गया कि बर्ड फ्लू, जिसे एवियन फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक प्रकार की वायरल बीमारी है जो ज्यादातर जंगली जल पक्षियों को संक्रमित करता है लेकिन घरेलू पक्षियों (मुर्गी) और अन्य जानवरों को संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों को प्रभावित करने वाले सबसे सामान्य उपप्रकार ए(एच5एन1), ए(एच7एन9) और ए(एच9एन2) हैं। उन्होने बताया कि बर्ड फ्लू से प्रभावित होने पर पीडित को बुखार, खाँसी, गला खराब होना, मांसपेशियों में दर्द और थकान, श्वसन लक्षण, सिरदर्द, बहती नाक, नम आँखें, मितली और उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया और एक्यूट श्वसन संकट सिंड्रोम (एआरडीएस) के संकेत और लक्षण दिखाई पडेगें। उन्होने बताया कि पशुधन विभाग द्वारा निदेशालय स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित किया गया है जिसके सम्पर्क सूत्र- 180018055141 व 05222741991 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित है, जिसके सम्पर्क सूत्र 9456446462, 9837228551 तथा 9412607658 है।
उन्होने आगे बताते हुए सभी नागरिकों से अपील की है कि मृत पक्षी की सूचना तत्काल जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम को दे, कुक्कुट या कुक्कुट उत्पाद को अच्छी तरह पका कर ही खायें, कुक्कुट पक्षियों के पालने के स्थान / फार्म के आस-पास जैव सुरक्षा, साफ-सफाई, डिस्इन्फेक्शन करें, एन्टीसैफ्टिक लोशन से हाथ को अच्छी तरह से धोयें, संक्रमित होने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा खाये। इसके अलावा उन्होने यह भी बताया कि मृत पक्षी को छुए नहीं, अफवाहों पर ध्यान न दें, जिन क्षेत्रों में बर्ड फ्लू की सूचना प्राप्त हो उसके आस-पास भ्रमण न करें, संक्रमित पक्षियों के सीधी संपर्क में आने से बचें तथा हाथों से दाना आदि न खिलाएं, कुक्कुट या अन्य पक्षियों को खुले वाहनो में परिवहन न करें।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा पुलिस विभाग, वन विभाग, पंचायतीराज विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये गये कि सभी सम्बन्धित विभाग शासन द्वारा दिये गये निर्देशों को अक्षरसः पालन करना सुनिश्चित करें और एन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) की रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाते हुए जनपद को एन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) मुक्त बनाये रखें।
बैठक में अपर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी अरूण श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी दिलीप कुमार पाण्डेय, परियोजना निदेशक डीआरडीए श्रीमती रेनू कुमारी एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।