आगरा में व्यापारी से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 10.5 लाख की ठगी, साइबर सेल ने समय रहते बचाई पूरी राशि
आगरा में 10.5 लाख की साइबर ठगी के बाद भी चतुराई ने बचा लिए पैसे.आप भी सीख लो

आगरा में व्यापारी से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 10.5 लाख की ठगी, साइबर सेल ने समय रहते बचाई पूरी राशि
फेसबुक पर दिखा झांसा, टेलीग्राम से हुई बातचीत, साइबर थाना प्रभारी रीता सिंह की तत्परता से व्यापारी को मिला न्याय
आगरा।
ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट के नाम पर डिजिटल जालसाजों द्वारा एक व्यापारी से 10.5 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित मारुति एंक्लेव एक्सटेंशन निवासी व्यापारी सौरभ शर्मा हैं, जिन्होंने समय रहते साइबर थाना आगरा में शिकायत दर्ज कराई। तत्परता से की गई कार्रवाई के चलते संपूर्ण रकम वापस मिल गई। यह मामला न सिर्फ डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है, बल्कि साइबर सुरक्षा जागरूकता की अहमियत भी दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर मिला निवेश का प्रलोभन
व्यापारी सौरभ शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट कर भारी मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। इस प्रचार में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद उनसे वॉट्सएप के जरिए संपर्क किया गया।
इसके बाद उन्हें टेलीग्राम ऐप पर जोड़कर एक विशेष ट्रेडिंग ग्रुप में शामिल किया गया। वहां पर कई तरह की नकली स्क्रीन्स और फर्जी लाभ के स्क्रीनशॉट भेजे गए, जिससे उनका विश्वास बढ़ गया।
धीरे-धीरे ट्रांसफर किए गए 10.5 लाख रुपये
सौरभ शर्मा के अनुसार, शुरूआत में उन्हें छोटे-छोटे लाभ दिखाकर मनोवैज्ञानिक रूप से प्रेरित किया गया। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे करके 10.5 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब उन्होंने निवेश के बाद मुनाफे की रकम निकालनी चाही तो प्लेटफॉर्म से फंड ट्रांसफर नहीं हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि वे एक बड़ी ठगी के शिकार हो चुके हैं।
तत्काल दी गई सूचना बनी बचाव का कारण
ठगी का पता चलते ही सौरभ ने तुरंत साइबर सेल आगरा से संपर्क किया और पूरी जानकारी के साथ शिकायत दर्ज कराई। उनकी तत्परता और समयबद्ध रिपोर्टिंग के कारण साइबर थाना प्रभारी रीता सिंह के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई की गई।
साइबर सेल की फुर्ती से बची राशि
साइबर थाना प्रभारी रीता सिंह ने बताया कि व्यापारी द्वारा समय रहते शिकायत दर्ज करने से पुलिस को आवश्यक तकनीकी ट्रेसिंग में मदद मिली। तुरंत संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया और धोखाधड़ी के माध्यम से भेजी गई पूरी राशि को वापस पीड़ित के खाते में लौटवा दिया गया।
उन्होंने बताया,
“ज्यादातर लोग देर से सूचना देते हैं, जिससे रकम रीकवर करना मुश्किल हो जाता है। इस मामले में पीड़ित ने फौरन कदम उठाया, जो कि साइबर फ्रॉड से निपटने की सबसे जरूरी बात है।”
साइबर थाना आगरा ने किया सराहनीय कार्य
आगरा साइबर थाने की इस कार्यवाही को डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा और प्रशासनिक तत्परता का सटीक उदाहरण कहा जा सकता है। जहां अधिकतर मामलों में लोग जीवन भर की पूंजी गंवा बैठते हैं, वहीं यह मामला साबित करता है कि समय पर उठाया गया कदम लाखों की ठगी से बचा सकता है।
बढ़ते डिजिटल फ्रॉड और सतर्कता की आवश्यकता
आज के डिजिटल युग में क्रिप्टोकरेंसी, स्टॉक ट्रेडिंग, मल्टी-लेवल मार्केटिंग जैसी योजनाओं के नाम पर लाखों लोगों को ऑनलाइन ठगा जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर दिखाए जा रहे अत्यधिक लाभ के दावे, अधिकांशतः फर्जी होते हैं। इन दावों के पीछे ठगों का संगठित नेटवर्क कार्य करता है, जो आम जनता की तकनीकी जानकारी की कमी का फायदा उठाता है।
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर थाना आगरा ने नागरिकों को जागरूक करते हुए कुछ सावधानियां अपनाने की सलाह दी है:
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सोशल मीडिया विज्ञापनों पर भरोसा न करें।
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किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच लें।
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टेलीग्राम या वॉट्सएप ग्रुप्स में भेजे गए ट्रेडिंग या निवेश संबंधित डाटा पर भरोसा न करें।
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क्रिप्टोकरेंसी या अन्य निवेश केवल विधिक और रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से करें।
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कोई भी संदिग्ध लेन-देन दिखे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
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www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं।
राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन – 1930
साइबर क्राइम से जुड़े किसी भी मामले में तत्काल सहायता के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है। इस नंबर पर कॉल करके व्यक्ति तुरंत अपनी समस्या दर्ज कर सकता है।
इसके अलावा www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर संबंधित दस्तावेज अपलोड किए जा सकते हैं।
व्यापारी सौरभ शर्मा ने जताया प्रशासन का आभार
अपनी पूरी धनराशि वापस मिलने के बाद सौरभ शर्मा ने आगरा साइबर सेल की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा,
“मैंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन साइबर थाना प्रभारी रीता सिंह व उनकी टीम ने न केवल मेरी बात गंभीरता से सुनी, बल्कि इतने कम समय में मेरा सारा पैसा भी वापस दिलवा दिया।”
उन्होंने अन्य लोगों से भी अपील की कि अगर कभी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हों तो डरें नहीं, बल्कि तुरंत आवश्यक कदम उठाएं और साइबर सेल से संपर्क करें।