SAIYAN- स्कूल चलो अभियान 2025″ रैली निकाल कर दूसरे चरण का हुआ शुभारंभ
स्कूल चलो अभियान 2025" का दूसरा चरण शुरू, ब्लॉक सैयां के मल्हैला प्राथमिक विद्यालय में जागरूकता रैली के साथ हुई उत्साहजनक शुरुआत

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
सैयां /आगरा।
बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के दिशा-निर्देशों के तहत “स्कूल चलो अभियान 2025” के दूसरे चरण की औपचारिक शुरुआत सैयां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मल्हैला में हर्षोल्लास और प्रेरणा के साथ की गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा में जोड़ना है।
खंड शिक्षा अधिकारी, सैयां दीपक कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में ब्लॉक स्तरीय एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) श्रीमती शमा गुलाटी, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती टिम्पी द्विवेदी, सहायक अध्यापिकाएं श्रीमती रश्मि सोलंकी, श्रीमती ऋचा श्रीवास्तव तथा शिक्षा मित्र श्रीमती विमलेश कुशवाह ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इस अवसर पर विद्यालय परिसर को रंग-बिरंगे पोस्टरों, स्लोगनों और गुब्बारों से सजाया गया, जिससे बच्चों और अभिभावकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो सके। स्कूल चलो अभियान 2025 का उद्देश्य “सब पढ़ें, सब बढ़ें” को व्यवहार में उतारना है, और यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक प्रेरणादायक कदम रहा।
शिक्षा के प्रति जनजागरूकता रैली
कार्यक्रम की सबसे खास बात रही बच्चों द्वारा निकाली गई शिक्षा जागरूकता रैली। हाथों में तख्तियाँ लिए, नारे लगाते हुए बच्चों ने पूरे गाँव का भ्रमण किया। इस रैली में बच्चे “पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया”, “हर बच्चा स्कूल जाए, शिक्षा का अधिकार पाए” जैसे नारे लगाते हुए ग्रामीणों को जागरूक कर रहे थे।
रैली का उद्देश्य सिर्फ बच्चों को आकर्षित करना ही नहीं था, बल्कि अभिभावकों को भी यह समझाना था कि अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजना क्यों आवश्यक है।
अभियान की विशेषताएं:
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विद्यालय में बच्चों का नवीन नामांकन बढ़ाना।
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पूर्व में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ना।
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अभिभावकों से सीधा संवाद कर उन्हें शिक्षा के महत्व से अवगत कराना।
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ग्राम समुदाय के सहयोग से विद्यालय की छवि सुधारना।
अभियान का उद्देश्य और महत्व
स्कूल चलो अभियान 2025 केवल एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में शिक्षा क्रांति लाने का एक प्रभावशाली प्रयास है। इस अभियान के माध्यम से न सिर्फ बच्चों का नामांकन बढ़ाया जा रहा है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता, बच्चों की नियमित उपस्थिति और विद्यालय में सकारात्मक माहौल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी दीपक कुमार ने अपने संदेश में कहा “प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। स्कूल चलो अभियान 2025 के तहत हम गाँव-गाँव जाकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।“
उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के तहत पोषण युक्त मध्याह्न भोजन, फ्री ड्रेस, बैग, किताबें और स्टेशनरी प्रदान की जा रही हैं जिससे गरीब और पिछड़े वर्गों के बच्चों को विद्यालय आने में कोई कठिनाई न हो।
शिक्षकों की सराहनीय भूमिका
इस कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाई बल्कि सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया।
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ए आर पी शमा गुलाटी ने कहा “आज का यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि पूरे गाँव के लिए एक संदेश है कि शिक्षा से ही विकास संभव है।“
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सहायक अध्यापिकाएं श्रीमती रश्मि सोलंकी और श्रीमती ऋचा श्रीवास्तव ने ग्रामीणों के बीच जाकर बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए शिक्षा को आवश्यक आधार बताया।
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शिक्षा मित्र विमलेश कुशवाह ने घर-घर जाकर संपर्क किया और अभिभावकों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेजें।
अभियान के तहत समुदाय की भागीदारी
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर तभी सुधर सकता है जब अभियान में समुदाय की भागीदारी हो। इस कार्यक्रम में गाँव के बुजुर्ग, अभिभावक, पूर्व छात्र और पंचायत प्रतिनिधियों ने भी सहभागिता की।
स्कूल चलो अभियान 2025 को सफल बनाने के लिए “जन-जन तक शिक्षा” का संदेश पहुंचाना आवश्यक है, और यह तभी संभव है जब विद्यालय, शिक्षक, अभिभावक और समुदाय मिलकर काम करें।
बच्चों के लिए प्रेरणादायक गतिविधियाँ
इस अवसर पर विद्यालय में बच्चों के लिए अनेक प्रेरक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जैसे—
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चित्रकला प्रतियोगिता (शिक्षा पर आधारित थीम)
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नारा लेखन प्रतियोगिता
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नाटक (बाल विवाह, बाल मजदूरी, शिक्षा के महत्व पर आधारित)
इन गतिविधियों से बच्चों में रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं।
ग्रामीण शिक्षा को मजबूती देने का प्रयास
भारत की ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में स्कूल चलो अभियान 2025 एक प्रभावशाली रणनीति के रूप में उभर रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य केवल नामांकन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र शैक्षिक सुधार कार्यक्रम है जो बच्चों के मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास पर भी ध्यान देता है।
अगले चरण में क्या होगा?
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगला चरण “घर-घर संपर्क और बालिका शिक्षा पर विशेष जागरूकता” का होगा। इसके अंतर्गत:
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विशेष टीम बनाकर घर-घर संपर्क किया जाएगा।
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उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रयास किए जाएंगे।
External Resource Links for “स्कूल चलो अभियान 2025”
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स्कूल चलो अभियान — उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग
http://basicedu.up.gov.in/
(उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट, जहाँ स्कूल चलो अभियान और अन्य शैक्षिक योजनाओं की जानकारी उपलब्ध है।) -
Samagra Shiksha Abhiyan – भारत सरकार
https://samagra.education.gov.in/
(केंद्र सरकार की समग्र शिक्षा योजना — इसके अंतर्गत स्कूल चलो जैसे अभियान संचालित किए जाते हैं।) -
Education For All (Sarva Shiksha Abhiyan) – Government of India
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1911809
(भारत सरकार का आधिकारिक प्रेस रिलीज़ पेज — यहाँ से आप “सब पढ़ें, सब बढ़ें” जैसे अभियानों पर अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।) -
UNICEF India – Education Initiatives
https://www.unicef.org/india/what-we-do/education
(UNICEF द्वारा भारत में बच्चों की शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी।) -
Digital Infrastructure for Knowledge Sharing (DIKSHA Platform)
https://diksha.gov.in/
(भारत सरकार का एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जो छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल लर्निंग सामग्री प्रदान करता है।) -
U-DISE Plus – Education Statistics
https://udiseplus.gov.in/
(भारत के सभी विद्यालयों की आँकड़ों और प्रगति की रिपोर्ट – स्कूलों की पहुँच, नामांकन, ड्रॉपआउट रेट आदि जानने के लिए उपयुक्त।)
निष्कर्ष
स्कूल चलो अभियान 2025, सैयां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मल्हैला से जोश के साथ शुरू होकर एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत दे रहा है। यह न केवल शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है, बल्कि सशक्त भारत की नींव रखने की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है।
इस अभियान की सफलता के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है—शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक और ग्राम समाज मिलकर ही शिक्षा के प्रकाश को हर घर तक पहुँचा सकते हैं।
- यदि हम चाहते हैं कि हमारा देश विकसित हो, तो “हर बच्चा स्कूल में” होना चाहिए — और “स्कूल चलो अभियान 2025” इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।