आगराउत्तर प्रदेश

AGRA – जल शक्ति अभियान- कैंच द रेन 2025 की समीक्षा बैठक हुई संपन्न

🌍एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) – 

🔸जल संरक्षण एवं संचयन हेतु योजना तैयार कर आमजन को करें जागरूक, महिलाओं को भी अभियान में करें शामिल

आगरा। निदेशक विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार एवं जनपद हेतु नामित केन्द्रीय नोडल अधिकारी, जल शक्ति अभियान रोहित कुमार की अध्यक्षता में जल शक्ति अभियान- कैंच द रेन 2025 की समीक्षा बैठक नवीन सर्किट हाउस सभागार में संपन्न हुई।

बैठक में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत जनपद में जल संरक्षण, जल संचयन एवं भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हुए संबंधित विभागों ने अपनी पीपीटी प्रेजेंटेशन दी।

बैठक में विभागवार बताया गया कि जनपद में माह जुलाई, अगस्त व सितम्बर में अधिकतम बरसात होती है तथा वर्ष में लगभग 715.4 एमएम बरसात होती है। जनपद में जल संरक्षण हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जा रहा है, जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, वेस्ट वाटर ट्रिटमेंट प्लांट, वाटर शेडेड डवलपमेंट आदि सम्मिलित हैं। इसके अलावा जनपद में अमृत सरोवर योजना के माध्यम से भी ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण किया जा रहा है तथा सौकपिट गड्ढों, बंधों आदि के माध्यम से भी भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उक्त के सम्बन्ध में नोडल अधिकारी ने सभी अमृत सरोवरों को जिओ टैग किये जाने के बारे में जानकारी प्राप्त की, जिसमें बताया गया कि सभी को जीओ टैग कर दिया गया है। बैठक में वन विभाग द्वारा बताया गया कि जनपद में स्थानों का चयन कर मियांवाकी पद्धति से वृक्षारोपण कराया गया है, जिसमें पौधों के जीवित रहने का प्रतिशत 100 है तथा बंधे बनाकर भी बारिस के पानी को रोक कर भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

बैठक में उ०प्र० सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि जनपद में जल संचयन हेतु जनपद आगरा के अन्तर्गत तहसील खेरागढ़ व किरावली में 42 बन्धियों का निर्माण किया गया है इन बन्धियों द्वारा 5800.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल सिंचित होता है। जगनेर क्षेत्र के 52 ग्रामों की लगभग 78000 आबादी बन्ध बन्धियों के संचयित जल से लाभाविन्त होती है। इन बंधियों द्वारा लगभग 44 एम.सी.एम. जल का संचय किया जाता है। इन क्षेत्रों में सामान्यतः भूगर्भ जल 300 फीट से 400 फीट तक की गहरायी पर उपलब्ध हो पाता है। जबकि बन्धियों के पूर्ण भरे होने पर आस-पास के 15-20 गाँव का भूगर्भ जल स्तर काफी ऊपर आ जाता है। जिसे ग्रामवासी पीने में भी उपयोग कर पाते है। भूगर्भ जल कि बारे में बताया गया कि जनपद में 15 ब्लॉक हैं, जिनमें फतेहाबाद, शमशाबाद, अकोला, बरौली अहीर, बिचपुरी, एत्मादपुर, फतेहपुरसीकरी, खन्दौली, सैंया अतिदोहित तथा अछनेरा, जगनेर, जैतपुरकला, पिनाहट, सेमी क्रिटिकल एवं बाह, खेरागढ़ क्रिटिकल श्रेणी में हैं।

बैठक में नोडल अधिकारी रोहित कुमार ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूल के बच्चों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ यह भी बतायें कि किस प्रकार पानी का प्रयोग करना है, कैसे जल को बचाया जा सकता है आदि की भी जानकारी दी जाए, इसके लिए एक कार्ययोजना बनाकर उसे लागू करायें। उन्होंने महिलाओं को भी इस अभियान से जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि जनपद की सभी महिला ग्राम प्रधानों को भी सम्मिलित करते हुए उनका जल संरक्षण के लिए सहयोग लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी वाटर बॉडीज का जिओ टैगिंग कराया जाय। जल शक्ति केन्द्र के सम्बन्ध में निर्देशित करते हुए कहा कि केन्द्र पर जल संरक्षण आदि से सम्बन्धित पम्प्लेट, पोस्टर, आडिओ, वीडियो आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये तथा केन्द्र पर डैडिकेटिड टेक्नीकल स्टाफ की नियुक्ति भी की जाये। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जल संरक्षण, संचयन से सम्बन्धित सफलता की कहानियों को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित करायें तथा आमजन को भी इसके लिए जागरूक करें। नोडल अधिकारी द्वारा आज अकोला व बुढाना मुश्तकिल में हर घर जल योजना में विछाई जा रही पाइप लाइन व जलापूर्ति का भौतिक निरीक्षण किया।

बैठक में जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे जुबेर बेग, मुख्य चिकित्साधिकारी अरूण कुमार श्रीवास्तव, सचिव, आगरा विकास प्राधिकरण श्रीमती श्रद्धा सांडिल्य, डीसी मनरेगा रामायन सिंह यादव, भूगर्भ जल विभाग के सीनियर जिओफिजीसिस्ट सशांक शेखर सिंह, उप निदेशक, कृषि पुरूषोत्तम मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी बैजनाथ एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र गौंड, सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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