आगराउत्तर प्रदेश

AGRA- उत्तर प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में 98.60 प्रतिशत का हुआ निस्तारण – डॉ.बबीता सिंह चौहान

🌍एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) – 

🔸पहले की सरकारों में दिन में भी महिलाएं नहीं थी सुरक्षित, प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था से अपराधों में आई कमी, आने वाले समय में क्राइम रेट होगा जीरो – डॉ. बबीता सिंह चौहान

अगरा। अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग श्रीमती बबिता सिंह चौहान द्वारा उत्तर प्रदेश महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण करने में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के सम्बन्ध में आवास पर प्रेसवार्ता की गई।

प्रेसवार्ता में उन्होनें बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अपराध नियन्त्रण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है जिससे अपराधियों में भय व्याप्त है औरा महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में भी कमी आई है। भारत सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों में महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण करने के सम्बन्ध में इंवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फार सेक्सुअल आफैंस (आइटीएसएसओ) के माध्यम से सर्वे कराया गया है। जिसके अनुसार महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है और उत्तर प्रदेश में महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण करने का प्रतिशत 98.60 रहा है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों का शतप्रतिशत निस्तारण व दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये है।

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग अध्यक्षा द्वारा बताया गया कि दिनांक 21 अप्रैल, 2018 से दिनांक 03 जून, 2025 तक के प्रकरणों को लेकर संस्थान द्वारा सर्वे किया गया और जिसकी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं व बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण में सबसे आगे है। उक्त प्रदेश में कुल 1,22,130 प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज की गईं। उन्होने बताया कि महिलाओं व बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में उप्र सबसे आगे है और जो कुछ प्रकरण लम्बित है वह या तो न्यायालयों में लम्बित है या विवेचना में है, उन्हे भी यथा शीघ्र निस्तारित करा दिया जायेगा। सर्वे के अनुसार दिल्ली महिलाओं के उत्पीडन सम्बन्धी मामलों के निस्तारण में 97.60 प्रतिशत के साथ दूसरे व हरियाणा 97.20 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। पहले की सरकारों में दिन में भी महिलायें सुरक्षित नही थी और उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में सातवें स्थान पर था। तब मामलों के निस्तारण की दर 95 प्रतिशत थी।

उन्होने बताया कि बड़े राज्यों की तुलना की जाए तो उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड 80 प्रतिशत के साथ दूसरे व मध्य प्रदेश 77 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। साथ ही उन्होने यह भी बताया कि प्रदेश में लंबित मामलों का अनुपात (पेंडेंसी रेट) 0.20 प्रतिशत है, जो उप्र को देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाता है। मणिपुर का पेंडेंसी रेट 65.7 प्रतिशत, तमिलनाडु का 58.0 प्रतिशत व बिहार का 34.5 प्रतिशत है। महिला संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए डब्ल्यूसीएसओ (वूमेन एंड चाइल्ड सेफ्टी आर्गेनाइजेशन) हर माह समीक्षा करता है।

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